सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम से सफलता preparation guide Hindi medium ias aspirants
इस पर चर्चा करने से पहले मैं बात करना चाहूंगा इस समस्या की जड़ के बारे में क्योंकि किसी मर्ज का निदान केवल तभी संभव है जब हम इसे पूरी तरह गहराई में समझें और क्या चीज हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों की तैयारी को कहां-कहां प्रभावित कर रही है|
सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए एक बार फिर निराशाजनक परिणाम सामने आए हैं मैं तो सिविल सेवा परीक्षा 2017 के परिणाम को देखकर जहां हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का औसत प्रदर्शन सामने आया था यह अंदाजा लग ही गया था कि आगाज कैसा होगा मैं ही क्या हिंदी माध्यम के कोचिंग संस्थानों के पास तो मुझसे बेहतर आंकड़े रहे होंगे जो हजारों की संख्या में हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराते हैं इसलिए 27 अप्रैल 2018 को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2017 के अंतिम परिणाम हम सभी के लिए तो कोई आश्चर्य नहीं|preparation guide Hindi medium ias aspirants
सिविल सेवा परीक्षा 2011 में प्रारंभिक परीक्षा रूप में परिवर्तन आया और स्कोर हिंदी माध्यम को नुकसान पहुंचाने का कारण माना जाने लगा काफी हो हल्ला भी हुआ कई कोचिंग संस्थानों ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया कई बुद्धिजीवियों और यहां तक कि हिंदी के कुछ प्रख्यात पत्रकारों ने सिविल सेवा परीक्षा के परिवर्तित स्वरूप और संघ लोक सेवा आयोग की सोच को दरकिनार देकर इस बदलाव की आलोचना की और इस सबसे जो संदेश हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों तक पहुंचा उससे सिविल सेवा परीक्षा में हिंदी माध्यम का तो भट्ठा ही बैठ गया इसके बाद जो कुछ हुआ वह सर्वविदित है और सिविल सेवा परीक्षा 2011 से अब तक 7 वर्ष बीत जाने पर भी जो निरंतर जारी है वह हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का प्रारंभिक परीक्षा में नाटकीय रुप से गिरता प्रदर्शन आप कहेंगे कि सिविल सेवा परीक्षा 2013 के साथ आएं परिवर्तन को शायद मैं भूल रहा हूं यहां एक बार फिर हिंदी माध्यम चर्चा का विषय बना और संशय बड़ा फलस्वरुप हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों में आत्मविश्वास और घटा पर क्या यह ऐसे परिवर्तन थे जिनके चलते हिंदी माध्यम के उम्मीदवार या तो माध्यम बदल अंग्रेजी से प्रयास करें या फिर सिविल सेवाओं में करियर बनाने का सपना छोड़ दें?preparation guide Hindi medium ias aspirants
आपको नहीं लगता कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2011 और सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2013 के बदलाव के कारण लोगों को संघ लोक सेवा आयोग पर दोष मत देना एक बहाना था मिल गया है कि आयोग हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का दमन कर रहा है जबकि हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है चाहे जो हुआ या परिवर्तन चाहे वह हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को या अंग्रेजी या किसी अन्य माध्यम से सभी उम्मीदवारों पर समान रूप से मान्य रहे |फिर भी आयोग द्वारा हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों की मांग पर जो बदलाव समय-समय पर किए गए उसके बाद आज भी हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों की रचनात्मक परिणाम के बारे में लिखने को कुछ खास नहीं है और हिंदी माध्यम विद्वानों द्वारा ऑपरेशन जारी है दरअसल इस प्रकार हुआ यह कि अंग्रेजी माध्यम के उम्मीदवारों ने नई जरूरतों को समझा और तैयारी की योजनाओं में परिवर्तन किया पर हिंदी माध्यम के उम्मीदवार आज तक कोई ऐसा नुस्खा ढूंढ रहे हैं जो उन्हें उनका मर्ज बता सके. preparation guide Hindi medium ias aspirants
हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए पिछले वर्षों के निराशाजनक परिणाम से जो मानसिक तनाव उत्पन्न हुआ उससे ऊपर पाना आसान नहीं फिर भटकाव भी बहुत है जहां शायद हिंदी माध्यम के उम्मीदवार केवल कोचिंग संस्थानों पर ही पूर्णता निर्भर हो गया है और अपनी ओर से परीक्षकों की आशाओं के अनुरूप प्रयास शायद नहीं कर पा रहे हैं पिछले वर्षों में निश्चित रूप से वंदना( रैंक 8 सीएससी 2012) निशांत जैन( रैंक 13 सीएससी 2014) गौरव( रैंक्स 31 सीएससी 2016) गंगा सिंह राजपुरोहित( रैंक 33 सीएससी 2016) शैलेंद्र सिंह इंदौलिया( रैंक 38 सीएससी 2016) सहित हिंदी माध्यम के कई उम्मीदवारों की उपस्थिति शिष 100 सफल उम्मीदवार मैं दर्ज हुई और कई अन्य उम्मीदवारों ने हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का मनोबल बढ़ाया और आशा की किरण उन्हें तैयारी में जुटे रहने के लिए संबल प्रदान कर रही है लेकिन हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों की मुख्य परीक्षा में घटती संख्या स्पष्ट रूप से बताती है कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को अभी बहुत कार्य करना है और किस तरह से प्रारंभिक परीक्षा के स्तर पर अपने प्रयास को जीवित रखना है यह सीखना अनिवार्य है|
सच में आज जमाना तो हिंग्लिश का ही है हम धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर यूज करते हैं इंटरनेट पर इतना समय बिताते हैं और जाने क्या-क्या बात करते हैं WhatsApp और Facebook पर तमाम विषयों पर ज्ञान बघारते हैं कमेंट करते हैं नवीनतम तकनीक का भरपूर उपयोग करते हैं पर जब बात इन माध्यमों का ज्ञानवर्धन जागरूकता और जानकारियों को अद्यतन करने की हो तो जाने क्या-क्या तर्क प्रस्तुत कर डालते हैं जबकि अंग्रेजी माध्यम के उम्मीदवार इस मामले में स्मार्ट है और इंटरनेट उनके लिए सिविल सेवा परीक्षा की सती तैयारी का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है.
सिविल सेवा परीक्षा 2010 से पूर्व लगभग 15 वर्षों तक हिंदी माध्यम में कई उच्चारण के साथ शानदार परिणाम दिए हैं तब इस प्रकार के कोई प्रश्न नहीं उठते थे तब भी हिंदी माध्यम के स्कूलों सरकारी स्कूलों में पढ़ निम्न मध्यमवर्ग यहां तक कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले अनेक उम्मीदवार अपने ज्ञान का प्रदर्शन कर सफलता प्राप्त कर रहे थे हालांकि तब भी अधिकांश परिणाम अंग्रेजी से ही दिखता था पर हिंदी माध्यम के उम्मीदवार ऐसे समय में भी अपनी पहचान बना रहे थे आप यह तो मानेंगे कि भारत में 90 के दशक के बाद शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से काम हुआ है और यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का विस्तार हुआ है इसमें केंद्र एवं राज्य सरकारों का योगदान रहा और आज भी देश की भावी योजनाओं में शिक्षा सर्वोपरि है महानगरों की छोड़िए छोटे शहरों कस्बों एवं गांवों तक में अंग्रेजी माध्यम कान्वेंट स्कूलों का जादू चल गया परिवार की आर्थिक स्थिति चाहे जैसी हो अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास शायद प्रत्येक माता-पिता का होता है छोटे-छोटे शहरों से उच्च शिक्षा प्राप्त कर मेडिकल और प्रोफेशनल कोर्स में विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं युवाओं में सिविल सेवाओं में करियर आज भी एक स्वप्न है अतीत में जाकर शिक्षा के बारे में बातें करते करते शायद मैं आप लोगों के बारे में बात करने लगा जो अपने स्वप्न को साकार करने हेतु सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हो रहे हैं आप ही तो इस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो 90 के दशक के बाद जन्मे है|
मैं तो नहीं मानता था फिर भी कोई कहता है कि हाल के वर्षों में हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों में ज्ञान की कमी आई है तो शायद यह तर्क मेरे लिए तो समझ से परे है हां कमी जिस चीज की है आई है वह खाने से बिल्कुल नहीं जी सकूंगा वह है अपने ऊपर विश्वास की कमी हम शायद अपने स्वप्न को भूल बैठे हैं और एक जिद्दी पाल लिए मन में कि UPSC हिंदी माध्यम से भेदभाव कर रही है इससे नुकसान किसका हो रहा है केवल और केवल हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का UPSC तो हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कर रही है और उम्मीदवार सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं आप फर्क सिर्फ इतना है कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व घट रहा है उदाहरण के लिए सिविल सेवा परीक्षा 2013 में अधिकांश हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों ने संशय के चलते प्रयास ही नहीं लिया इस परीक्षा में गौरव अग्रवाल के प्राप्तांक पर नजर डालें जो पिछले 5 वर्षों के शीर्ष स्थान प्राप्त आपस में सबसे कम है आप इस परीक्षा की कट ऑफ देखें तो आपको नहीं लगता कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों ने सफलता का एक स्वर्णिम अवसर गवा दिया था.
हाल ही में आज सिविल सेवा परीक्षा 2017 के परिणाम में हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों का निराशाजनक प्रदर्शन जारी है और अभी तक प्राप्त जानकारियों के आधार पर हिंदी माध्यम के साथ शिष रैंक अनिरुद्ध कुमार ने प्राप्त किया है सिविल सेवा परीक्षा 2016 में हिंदी माध्यम के उच्चतम रैंक 31, 33, 38 आदि देखकर लगा था कि शायद अब फिर हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को फिर से झिंझोड़कर रख दिया है|
सबसे पहले मैं हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों को याद दिलाना चाहूंगा कि यह स्वप्न उनका अपना है और जो लक्ष्य निर्धारण किया है उसे गंतव्य तक ले जाने का जिम्मा भी उन्हीं का परिवार मित्र सीनियर्स कोचिंग संस्थान तब आप के मनोबल को बढ़ाने और आपके प्रयास के स्तर को उठाने में संयोग मात्र है प्रयास करने से पहले ही यदि आप हार मान बैठे हैं तो कौन आपका भाग्य बदल सकता है ईश्वर भी नहीं ईश्वर भी उन्ही का साथ देता है जो कर्म में विश्वास रखते हैं और उचित प्रयास करते हैं वास्तविकता यह है कि हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और केवल अनुरूद्ध जैसे कुछ जुझारू प्रवृत्ति के उम्मीदवार हिंदी माध्यम में कम ही बचे हैं जो परिणाम लाकर हिंदी माध्यम की लाज बचा रहे हैं मेरा मकसद किसी उम्मीदवार व्यक्ति विशेष या किसी संस्था पर कटाक्ष करना या उंगली उठाना नहीं हैं अगर मैं कोचिंग संस्थानों की बात करूं तो लगभग सभी हिंदी माध्यम कोचिंग संस्थान प्रमुख मेरे मित्र है और अधिकांश से मधुर संबंध होने के नाते हिंदी माध्यम से उम्मीदवारों के उत्थान के बारे में निरंतर वार्तालाप होती रहती है कई लोग इस क्षेत्र में कुछ अभिनव प्रयास भी कर रहे हैं दिन का फायदा उठाकर ही उम्मीदवार सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं इस तरह के प्रेरणादाई लेख और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से संबंधित आंकड़े रोचक तथ्य तथा सफल उम्मीदवारों संबंधी जानकारियां आप www.upsciasguru.com पर हिंदी में भी पा सकते हैं जहां मैं नियमित रूप से लिखता रहा हूं.
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