अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन – IMO नोट्स

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (international maritime organization –IMO)

समुंद्र प्राकृतिक सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से विश्व के सभी देशों के लिए बहुत महत्व रखता है यह प्राकृतिक संसाधनों का मुख्य स्रोत एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का मुख्य मार्ग है समुंद्र के प्राकृतिक और व्यापारिक महत्व के कारण ही विश्व के सभी देश अधिक से अधिक समुद्री क्षेत्र पर अपना अधिकार जाते हैं जिससे कभी-कभी दो देशों के बीच विवाद और अशांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है इस तरह की स्थिति व समुंद्री रास्तों से की जाने वाली हथियारों नशीले पदार्थों और मानव की तस्करी तथा समुद्री रास्तों में की जाने वाली लूट समुद्री सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौतियां है अतः समुद्री यातायात और सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन कार्यरत है ISI संगठन की विस्तृत जानकारी रोजगार और निर्माण के इस अंक में प्रस्तुत की जा रही है जो निश्चित रूप से परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी होगी | International Maritime Organization in hindi



  • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहाजों की सुरक्षा तथा उनमें सुधार और जहाजों से निकलने वाली प्रदूषण को रोकने के लिए गठित किया गया एक संगठन है |
  • यह संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में कार्य करता है |
  • इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है |
  • वर्तमान में विश्व के 173 राष्ट्र संगठन के सदस्य |
  • यह समुंदरी यातायात से जुड़े कानूनी और आर्थिक मामलों के साथ-साथ समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए भी कार्य करता है  International Maritime Organization in hindi
  • इस संगठन की स्थापना 17 मार्च 1948 को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में जिनेवा में आयोजित एक सम्मेलन में की गई थी|
  • इस के महासचिव कोरिया गणराज्य के  किटाक लिम है जिन्हें 1 जनवरी 2016 को 4 साल की अवधि के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है International Maritime Organization in hindi

उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन का उद्देश्य विभिन्न देशों के सहयोग के माध्यम से सुरक्षित संरक्षित पर्यावरण के अनुकूल कुशल और सतत शिपिंग को बढ़ावा देना है | International Maritime Organization in hindi

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब समुद्री सुरक्षा और बचाव के लिए उच्चतम व्यवहारिक मानकों को अपनाया जाए नेविगेशन की दक्षता और जहाजों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण किया जाए संबंधित कानून मामलों पर विचार कर उन्हें लागू किया जाए या उनका निराकरण किया जाए तथा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के उपकरणों का प्रभावी कार्यान्वयन किया जाए । International Maritime Organization in hindi

इतिहास

  • समुंद्र में सुरक्षा को सुधारने का सर्वोत्तम तरीका अंतरराष्ट्रीय नियमों को विकसित करना है जो सभी देशों द्वारा अपनाया जाए इसी को ध्यान में रखते हुए 19वीं शताब्दी के मध्य से कई संधियों को अपनाया गया है | 
  • कई देशों ने प्रस्ताव दिया है कि समुद्री सुरक्षा को और अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए एक स्थाई अंतरराष्ट्रीय निकाय की स्थापना की जानी चाहिए |
  • 1948 में जिनेवा में हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में औपचारिक रूप से अंतर-सरकारी समुंद्री सलाहकार संगठन की स्थापना हुई |
  • 1982 में आई एम सी ओ का नाम बदलकर अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन IMO कर दिया गया |
  • 1970 के दशक में अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सेटेलाइट ऑर्गनाइजेशन की स्थापना के साथ एक वैश्विक खोज और बचाव प्रणाली की शुरुआत हुई जिससे जहाजों में रेडियो और अन्य संदेशों की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ |
  • 1988 में ग्लोबल मेरीटाइम डिस्टेंस एंड सेफ्टी सिस्टम को अपनाया गया और 1992 से इसे चरणबद्ध करना शुरू कर दिया गया था | International Maritime Organization in hindi
  • 1 जुलाई 1998 को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधान कोड लागू हुआ |
  • 1998 में यह कौन यात्री जहाजों तेल और रसायनिक चयन करो और 500 टन भार और इससे अधिक वजन के कार्गो को हाई स्पीड क्राफ्ट पर लागू किया गया |
  • फरवरी 1999 में जी एम डी एस एस पूरी तरह से चालू हो गया इसका फायदा यह हुआ कि यदि कोई सिर्फ दुनिया में कहीं भी दुर्घटनाग्रस्त होती है या उसमें कोई समस्या होती है तो उसे सहायता पहुंचाई जा सकती है |
  • इस सिस्टम द्वारा शिप में समस्या या संकट की स्थिति में सहायता के लिए संदेश स्वचालित रूप से प्रसारित हो जाता है भले ही जहाज के चालक दल ने मदद के लिए कोई संदेश प्रसारित ना किया हो |
  • 1 जुलाई 2002 को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधान कोड 500 टन भार और इससे अधिक वजन के अन्य कारकों जहाजों और मोबाइल अपसौर ड्रिलिंग इकाइयों पर भी लागू कर दिया गया | International Maritime Organization in hindi

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन से संबद्ध कुछ निकाय और कार्यक्रम



  • GESAMP — यह समुंदरी पर्यावरण संरक्षण के वैज्ञानिक पहलुओं पर विशेषज्ञों का एक समूह है इसका गठन 1967 में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने मिलकर किया था| यह समुंदरी पर्यावरण में जीवन संसाधन और सुविधाएं बनाए रखने के लिए समुद्री पर्यावरण में होने वाली गिरावट रोकथाम और बचाव के लिए सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर काम करता है वर्तमान में 17 विशेषज्ञ है जिनमें से मनमोहन सरीन भारत से हैं और वह इस 17 सदस्य टीम के उपाध्यक्ष हुई हैं इसके अध्यक्ष पीटर केरसो है|
  • REMPEITC CARIBE — यह कैरीबियन क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन का क्षेत्रीय समुंद्र प्रदूषण आपातकाल सूचना और प्रशिक्षण केंद्र हैं यह कैरीबियन क्षेत्र के देशों में प्रदूषण की प्रमुख घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने में सहायता करता है इसका गठन 15 जून 1995 को कैरेबियन पर्यावरण कार्यक्रम ढांचे के भीतर नीदरलैंड्स और अमेरिका के समर्थन से किया गया था | International Maritime Organization in hindi
  • REMPEC — यह भूमध्य सागर के तटीय क्षेत्रों के देशों के लिए क्षेत्रीय समुद्री प्रदूषण इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर है| यह इस क्षेत्र के देशों में समुद्री प्रदूषण की रोकथाम तैयारी और प्रतिक्रिया से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलनों के लक्ष्यों की पुष्टि कार्यान्वयन अनुमोदन और लागू करने में सहायता करता है |
  • PEMSEA — यह पूर्वी एशिया के सागरों के लिए पर्यावरण प्रबंधन में भागीदारी के लिए पूर्व एशिया में संचालित एक अंतर सरकारी संगठन है जो इस क्षेत्र में समुद्री प्रदूषण निवारण और प्रबंधन के लिए कार्य करता है|

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन के शिक्षण संस्थान

विश्व समुद्री विश्वविद्यालय

  • विश्व समुद्री विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन द्वारा स्थापित एक स्नातकोत्तर समुद्री विश्वविद्यालय है जो समुद्री शिक्षा प्रशिक्षण और अनुसंधान के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में कार्यरत हैं|
  • यह विश्वविद्यालय एक संगठन है जो अंतरराष्ट्रीय समुद्री समुदाय द्वारा स्थापित है और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध है | International Maritime Organization in hindi
  • इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन द्वारा 1983 में की गई थी यह स्वीडन के  मालमो में स्थित है |

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून संस्थान

  • अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून संस्थान की स्थापना IMO द्वारा 1988 में की गई थी यह संस्थान माल्टा में स्थित है |
  • IMO द्वारा इसकी स्थापना इसलिए की गई है ताकि पर्याप्त समुद्री कानून विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून के कार्यान्वयन और प्रवर्तन में सहायता के लिए उपलब्ध हो सके |
  • यह संस्थान विशेष रूप से विकासशील देशों में उपयुक्त योग्य उम्मीदवारों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून में उन्नत प्रशिक्षण अध्ययन और अनुसंधान के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करता है इस संस्थान का विशेष IMO द्वारा अपनाए गए अंतरराष्ट्रीय नियमों पर होता है | International Maritime Organization in hindi

अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन की संरचना

इस संगठन की संरचना में एक सामान्य सभा, एक परिषद, पांच मुख्य समितियां और सचिवालय शामिल है   

  1. सचिवालय– अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के सचिवालय में महासचिव और संगठन के लगभग 300 अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी शामिल होते हैं संगठन का सचिवालय लंदन में स्थित है | International Maritime Organization in hindi
  2. सामान्य सभा– यह संगठन की सर्वोच्च शासी निकाय होती है अंतरराष्ट्रीय समुंदरी संगठन के सभी सदस्य राष्ट्र के सदस्य होते हैं इसका नियमित 17 हर 2 साल में एक बार आयोजित किया जाता है यदि आवश्यक हो तो इसका सत्य नियमित सत्र से पहले भी बुलाया जा सकता है सामान्य संगठन के कार्यक्रम को स्वीकृत करने बजट निर्धारित करने और संगठन की वित्तीय व्यवस्थाओं का निर्धारण करने के लिए जिम्मेदार होती है सामान्य सभा के सदस्यों द्वारा ही परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाता है |
  3. परिषद — परिषद में 40 सदस्य होते हैं जिनका चुनाव 2 वर्षों के लिए सामान्य सभा द्वारा किया जाता है इन सदस्यों को ए बी और सी श्रेणी में बांटा जाता है परिषद अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन का कार्यकारी अंग है यह संगठन के कार्य की निगरानी के लिए उत्तरदाई होती है यह संगठन के सभी अंगो की गतिविधियों का समन्वयन करती है तथा सामान्य सभा के अनुमोदन के अधीन महासचिव की नियुक्ति करती है | International Maritime Organization in hindi





 वर्तमान में परिषद के सदस्य

  1. श्रेणी ए– इसके अंतर्गत वह देश आते हैं जिनके सबसे अधिक हित अंतरराष्ट्रीय शिपिंग सेवाओं से जुड़े हैं इस श्रेणी में 10 देश होते हैं वर्तमान में चीन ग्रीस इटली जापान नार्वे पनामा कोरिया रूस यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका इसके सदस्य है |
  2.  श्रेणी बी– इसके अंतर्गत वह देश आते हैं जिनके अधिकतर हित अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार से जुड़े हैं इस श्रेणी में भी 10 देश होते हैं वर्तमान में भारत और ऑस्ट्रेलिया ब्राजील कनाडा फ्रांस जर्मनी नीदरलैंड स्पेन स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य है |
  3. श्रेणी सी– इसके अंतर्गत वह देश आते हैं जिनके विशेष एक समुंदरी परिवहन या नेविगेशन से जुड़े हुए हैं इन देशों का चुनाव विश्व के सभी प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है इस श्रेणी में 20 देश होते हैं वर्तमान में बहामास बेल्जियम चिली साइप्रस डेनमार्क मिस इंडोनेशिया जमैका केन्या लाइबेरिया मलेशिया माल्टा मेक्सिको मोरक्को पेरू फिलिपीन सिंगापुर दक्षिण अफ्रीका थाईलेंड और तुर्की इसके सदस्य है | International Maritime Organization in hindi

 मुख्य पांच समितियां

  1.  समुद्री सुरक्षा समिति
  2.  समुद्री पर्यावरण संरक्षण समिति
  3.  कानूनी समिति
  4.  तकनीकी सहयोग समिति
  5.  सुविधा समिति International Maritime Organization in hindi

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