स्वतंत्र भारत की प्रमुख अनुशंसा समितियाँ /आयोग के प्रमुख कार्य

स्वतंत्र भारत की प्रमुख अनुशंसा समितियाँ /आयोग के प्रमुख कार्य

Important committee and commissions of india in hindi

(1) संविधान की प्रारूप समिति- 29 अगस्त 1947 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान की प्रारूप समिति का गठन किया गया इस समिति ने संविधान को बनाने तथा लिपिबध करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा 26 नवंबर 1949 को संविधान निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया ।

(2)डार आयोग – 1947,  48 राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित मामलों पर सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए 1947 में एस के डार की अध्यक्षता वाली डार आयोग का गठन किया गया आयोग ने माना कि केवल भाषाई आधार पर ही नहीं बल्कि अन्य कई मानकों के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन होना चाहिए।




(3)जे वी पी समिति – जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा पट्टानी सीतारमैया के नेतृत्व वाली इस 3 सदस्य समिति ने सुझाव दिया कि देश की सुरक्षा एकता तथा आर्थिक समृद्धि के मद्देनजर ही राज्यों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए । चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के पर्यवेक्षक चुनाव न्यायाधिकरण की स्थापना तथा उससे जुड़े अन्य मामलों की देखभाल के लिए एक स्वतंत्र निकाय के रूप में चुनाव आयोग के गठन का प्रावधान बनाया गया है भारत में मार्च 1950 से ही चुनाव आयोग ने अपना कामकाज शुरू कर दिया था। भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन 21 मार्च 1950- 19 दिसंबर 1958 थे भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 में चुनाव आयोग में सुधार चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने तथा राजनीतिक दलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। मतदाताओं की वास्तविक पहचान के लिए मतदाता फोटो पहचान पत्र जैसी पहल भी उन्हीं के द्वारा की गई 11 जून 2012 से भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत है । Important committee and commissions-of india in hindi
(4)प्रथम वित्त आयोग 1951 अनुच्छेद 280 के तहत वित्त आयोग के गठन का प्रावधान है। जो वित्तीय संस्थाओं के नियमन निर्धारण का काम करता है भारत में वर्ष 1951 में के सी नियोगी की अध्यक्षता वाले प्रथम वित्त आयोग का गठन किया गया था। Important committee and commissions-of india in hindi
(5) राज्य पुनर्गठन आयोग 1953 राज्यों के पुनर्गठन पर विचार करने तथा सरकार को सुझाव देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने वर्ष 1953 में सैयद फजल अली को अध्यक्षता वाले राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया आयोग के अन्य सदस्य थे केएम पानीकर तथा हृदय नाथ कुंजूरु। इस आयोग ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का सुझाव दिया तथा राज्यों की पूर्ववर्ती व्यवस्था को समाप्त करते हुए देश के 14 राज्यों तथा 6 केंद्र शासित प्रदेशों में बांधने की सिफारिश की इन्हीं के सुझाव के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 बनाया गया । Important committee and commissions-of india in hindi
(6)राधाकृष्णन आयोग विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग 1948 -1949 4 नवंबर 1948 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन हुआ। आयोग में अन्य सदस्य थे डॉक्टर जाकिर हुसैन ,डॉक्टर लक्ष्मणस्वामी मुदालियर ,डी आर्थर तथा डॉक्टर जेम्स । 25 नवंबर 1949 को आयोग ने अपना प्रतिवेदन सरकार को सौंपा इसमें उच्च शिक्षा से सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव तथा सिफारिशें की गई थी साथ ही उच्च न्यायालय में सुधार के लिए माध्यमिक शिक्षा में भी अपेक्षित सुधार की बात की गई थी ।
(7)मुदालियर आयोग 1952- 53 भारत की तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा की स्थिति की समीक्षा करने तथा उसकी पुनर्गठन को सुधार से जुड़े सुझाव देने के उद्देश्य से 23 सितंबर 1952 को मद्रास विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉक्टर लक्ष्मणस्वामी मुदालियर की अध्यक्षता वाली माध्यमिक शिक्षा आयोग की स्थापना की गई आयोग ने 29 अगस्त 1953 को सरकार को अपना प्रतिवेदन सौंपा ।जिसमें माध्यमिक शिक्षा के विभिन्न स्तरों का बुनियादी ढांचा प्रशासन व संगठन, पाठ्यक्रम ,मान्यता को निरीक्षण आदि पर अपेक्षित सुधारों की सिफारिश की गई ।
(8)बलवंत राय मेहता समिति 1956-57 पंचायती राज व्यवस्था की प्रासंगिकता सुधार तथा उस को प्रभावी बनाने के संदर्भ में उचित सुझाव देने के उद्देश्य से वर्ष 1956 में बलवंत राय मेहता समिति का गठन हुआ। समिति द्वारा वर्ष 1957 में केंद्र सरकार को प्रेषित प्रतिवेदन में त्रिस्तरीय पंचायती राज योजना का प्रारूप दिया इसके मुताबिक ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत खंड स्तर पर पंचायत समिति का जिला स्तर पर जिला परिषद की स्थापना का सुझाव दिया गया था। Important committee and commissions-of india in hindi
(9) राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति देशमुख समिति 1958 में स्त्री शिक्षा में सुधार तथा उसके अपेक्षित विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए दुर्गाबाई देशमुख की अध्यक्षता में राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा सरकार को फरवरी 1959 में सौंपे गए प्रतिवेदन में स्त्री शिक्षा से जुड़े समग्र पक्षों के आपेक्षित विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए समिति की सिफारिश के आधार पर वर्ष 1959 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद का गठन किया। जो स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ।
 
(10)हंसा मेहता समिति 1962 स्त्री शिक्षा की तत्कालीन प्रगति तथा इसके पुनर्गठन हेतु आवश्यक सुझाव देने के उद्देश्य से वर्ष 1962 में राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद के तत्वाधान में हंसा मेहता समिति का गठन किया गया ।स्त्री शिक्षा के पाठ्यक्रम में सुधार बालक बालिका पाठ्यक्रम में समानता तथा उन्हें अवसर और सुविधाओं में समानता देनेे शरीर विज्ञान व व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को शुरू करने जैसे प्रमुख सुझाव दिए ।
– विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी 1940 की सिफारिशों के आधार पर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा 1945 में विश्वविद्यालय अनुदान समिति का गठन किया गया राधाकृष्णन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 1945 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का गठन किया गया राधाकृष्णन आयोग की सिफारिशों के आधार पर  वर्ष 1953 में एक अधिनियम के द्वारा इसे संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया ।




(11)राष्ट्रीय शिक्षा आयोग कोठारी आयोग 1964 -66राष्ट्रीय स्वरूप और उसके सभी स्तरों के संबंध में सामान्य सिद्धांतों तथा नीतियों के बारे में आवश्यक सुझाव देने के लिए भारत सरकार ने डॉक्टर दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में 14 जुलाई को 1964 को 17 सदस्य राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का गठन किया। आयोग ने 29 जून 1966 को शिक्षा और राष्ट्र प्रगति के नाम से अपना तीन खंडों का प्रतिवेदन सरकार को सौंपा। इसके प्रथम खंड में राष्ट्रीय लक्ष्य व शिक्षा का स्वरूप सरंचनात्मक पुनर्गठन शिक्षा की समृद्धि विद्यालयों में प्रवेश संबंधी नीति पर शिक्षा के अवसरों की समानता की विवेचना की गई थी। द्वितीय खंड में विद्यालय शिक्षा उच्च शिक्षा कृषि शिक्षा में व्यवसायिक शिक्षा तकनीकी शिक्षा तथा प्रौढ़ शिक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों की विवेचना की गई थी जबकि तीसरे खंड में शिक्षा आयोजन प्रशासन अर्थ वित तथा नियोजन संबंधी सुझाव दिए गए थे ।कोठारी आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 का निर्माण किया । 
(12) भारतीय प्रशासनिक सुधार आयोग –1966 -1967 1966 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन किया गया ।इसका मुख्य कारण देश में विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं की वर्तमान स्थिति की समीक्षा तथा इस संदर्भ में अपेक्षित सुझाव देने के लिए किया गया वर्ष 1962 में के हनुमंत को इस आयोग की कमान सौंपी गई इस आयोग ने व्यापक स्तर पर प्रशासनिक सुधारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका सिफारिशें पेश की ।
(13)सीतलवाड़ समिति 1966 राज्य केंद्र संबंधों की समीक्षा के लिए गठित समिति ने राज्यों को और अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की सिफारिश की। Important committee and commissions-of india in hindi
(14)राजमन्नार समिति 1969 राज्यों की शासन प्रशासन की समीक्षा तथा अपेक्षित सुधार हेतु सिफारिशें पेश करने के संदर्भ में गठित समिति ने 3 प्रमुख सुझाव दिए ।
(1)अवशिष्ट विषय समाप्त किए जाने चाहिए या राज्यों को दिए जाने चाहिए । 
(2)अंतर राज्य परिषद का गठन किया जाना चाहिए तथा अखिल भारतीय सेवाओं को समाप्त कर दिया जाना चाहिए । Important committee and commissions-of india in hindi
 
(15)तारा कुंडे समिति चुनाव सुधार 1974 वीएम तारा कुंडे की  अध्यक्षता में गठित चुनाव सुधार संबंधी इस समिति में निम्न सुझाव की मताधिकार की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की जाए। (2)चुनाव प्रचार में किसी भी प्रकार से सरकारी धन तथा तंत्र का इस्तेमाल ना किया जाए (4)राजनीतिक दल अपने पास आय और व्यय का पूरा लेखा-जोखा रखें जिसकी जांच निर्वाचन आयोग द्वारा की जाए।
(16)अशोक मेहता समिति 1977 पंचायती राज व्यवस्था की प्रासंगिकता तथा उस को प्रभावी बनाने हेतु सिफारिशें पेश करने के लिए गठित समिति ने द्विस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था जिला पंचायत जिला परिषद तथा ग्राम पंचायत का गठन पद्धति लागू करने का सुझाव दिया ।
(17)राष्ट्रीय पुलिस आयोग 1979 धर्मवीर की अध्यक्षता वाली समिति ने पुराने पुलिस कानून के संशोधन तथा पुलिस प्रशासन में नियुक्तियों व काम काजो से संबंधी अनेक सुझाव पेश किए ।
(18)सरकारिया आयोग  -केंद्र राज्य संबंध 1983 केंद्र राज्य के संबंधों की समीक्षा तथा इस संबंध में अपेक्षित सुधार हेतु सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए गठित इस आयोग ने इस संबंध में निम्न सुझाव दिए
(1)अंतर राज्य परिषद का गठन होना चाहिए।
(2)निगम कर का राज्यों के साथ बंटवारा
(3) अखिल भारतीय सेवाओं को सशक्त बनाया जाए 
(4)राज्यपाल की नियुक्ति की जाने से पूर्व मुख्यमंत्री की सलाह ली जाए
(19) जी बी के राव समिति 1985 पंचायती राज व्यवस्था से समन्धित इस समिति ने जिला परिषद को मजबूत बनाने व स्थानीय निकायों के चुनाव को नियमित किये जाने की सिफारिश की ।
( 20) लक्ष्मी मल्ल सिंघवी समिति 1986 पंचायती राज व्यवस्था  से संबंधित इस समिति ने पंचायती राज न्यायिक अभिकरण के गठन पर बल दिया। Important committee and commissions-of india in hindi
(21)रागमूर्ति समिति 1990 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की समीक्षा हेतु गठित इस समिति में प्रबध व मानवीय समाज की और शिर्षक में प्रस्तुत रिपोर्ट में शिक्षा के प्रशासन प्रबंध आयोजन वित भूमिका तथा अध्ययन से जुड़ी विविध पक्षों पर अपने आम सुझाव पेश किए । Important committee and commissions-of india in hindi



(23) विधि आयोग के सुझाव 1999 बीपी जीवन रेड्डी की अध्यक्षता वाली विधि आयोग ने सुझाव सुधार संबंधी नियम प्रमुख सुधार पेश की निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाए ।चुनाव में कुल पड़े मतों का 5% से कम पाने वाले दल को सदन में एक भी सीट ना दी जाए तथा चुनाव में कुल पड़े मतों का 50% से अधिक मत पाने वाले को ही विजय घोषित किया जाए चाहे इसके लिए दोबारा ही चुनाव क्यों ना कराएं ।
(24)पीसी मेहता समिति 2002 भारतीय नागरिक सेवा सिविल सेवा के संदर्भ में गठित समिति ने निम्न प्रमुख सुझाव पेश की प्रारंभिक परीक्षा में बैठने के लिए आयु 21 से 24 वर्ष होनी चाहिए। सिविल सेवा को अधिक पक्,ष उत्तरदायित्व पूर्ण जवाबदेह तथा भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर सुधार।
(25)मनमोहन पुछी आयोग केंद्र राज्य संबंध 2007 से 10 आयोग ने विभिन्न स्तरों पर केंद्र तथा राज्य सरकारों में सहभागिता बढ़ाने पर संपर्क व संवाद बनाने के संदर्भ में अहम सुझाव दिए। (26)द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग 2005 वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में यूपीए सरकार द्वारा गठित आयोग ने विभिन्न स्तरों पर प्रशासनिक व्यवस्था में व्यापक सुधार किये जाने के संदर्भ में सुझाव दिए ।
(27) राष्ट्रीय ज्ञान आयोग 2006-09 21वीं सदी में शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने में उत्कृष्टता बढ़ाने विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उचित प्रयोग करने तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत संस्था में प्रबंध कुशलता बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर आम सुझाव देने के संदर्भ में यूपीए सरकार ने 13 जून 2005 को सैम पित्रोदा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का गठन किया ।आयोग ने अपनी सिफारिशें चार किस्तों 2006 2007 2008 तथा 2009 में प्रस्तुत की तथा संपूर्ण प्रतिवेदन वर्ष 2009 में राष्ट्र के  नाम प्रतिवेदन के नाम से प्रकाशित किया गया। इस आयोग का प्रतिवेदन पांच भागों में विभक्त था।
(1) ज्ञान की सुलभता
(2)ज्ञान के सिद्धांत सृजन
(3)अनुप्रयोग
(4)सेवाएं  Important committee and commissions-of india in hindi
(28)तारापोर समिति 2005-06 पूंजी खाते में मृदा की पूर्ण परिवर्तनीयता की संभावना को खोजने तथा उसके संदर्भ में आवश्यक सुधार देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा एस तारापुर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया समिति द्वारा सितम्बर 2006 में सरकार को प्रेषित अपनी सिफारिशों में गई थी ।
(1)कुछ शर्तों के साथ चरणबद्ध तरीके से अगले 5 सालों में पूंजी खाता में मुद्रा के पूर्ण परिवर्तनीयता के लिए प्रयास किए जाएं 
(2)पूजी खाता में पूर्ण परिवर्तनीयता तीन चरणों 2006-07-09 तथा 2009- 2011 में लागू की जाए प्रथम चरण एक भारतीय नागरिकों को प्रतिवर्ष 25000 से $50000 तथा अंतिम चरण में $200000 की राशि विदेशों में भेजने की स्वतंत्रता होगी ।
(3)भारतीय नागरिक विश्व के किसी भी बैंक में खाता खोल सकते हैं । उनमें विदेशी मुद्रा रख सकते हैं
(4)सभी अप्रवासी नियमों अप्रवासी लोगों तथा प्रवासी भारतीयों को भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश की अनुमति दी जाए Important committee and commissions-of india in hindi
(5)नए पी नोट्स को प्रतिबंधित कर दिया जाये तथा। पुराने पी नोट्स को भी 1 वर्ष में समाप्त कर दिया जाए। इनके अतिरिक्त्त भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के संदर्भ में संस्तुति के लिए 50 से अधिक समितियों का गठन किया गया। Important committee and commissions-of india in hindi

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