संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा – एक परिचय

संघ लोक सेवा आयोग – एक परिचय

सिविल सेवा परीक्षा भारत की कठिनतम परीक्षाओं में से एक है, और इस परीक्षा में भारत की सबसे कुशाग्र बुद्धि हिस्सा लेती हैं। ऐसा हो भी क्यों नहीं आखिर यह परीक्षा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS ) भारतीय पुलिस सेवा ( IPS )भारतीय विदेश सेवा ( IFS ) एवं अन्य राज्य पत्रित केंद्रीय सेवाओं के लिए सबसे अधिक योग्य व्यक्तियों का चयन किया जाता है। इस परीक्षा के माध्यम से उन लोगों की नियुक्ति की जाती है जो भारत की नीतियों को दिशा देते हैं और उनके क्रियांवयन के लिए उत्तरदाई होते हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315(1) के अनुसार UPSC के साथ-साथ प्रत्येक राज्य में राज्य आधारित सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, न्यायिक एवं अन्य अधीनस्थ सेवाओं के आयोजन के लिये ‘राज्य लोक सेवा आयोग’ की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह आयोग इन सेवाओं से संबद्ध परीक्षाओं का आयोजन कराता है। राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय परीक्षा ‘पी.सी.एस.’ (प्रोविंशियल सिविल सर्विसेज़) परीक्षा है।

आज भारत में जितने भी महत्वपूर्ण बोर्ड, संस्थाएं या निगम है उनके अध्यक्ष इन्हीं सेवाओं के वरिष्ठ लोगों से की जाती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर हो या फिर चुनाव आयोग या फिर केंद्रीय सूचना आयोग, विदेश सचिव हों या फिर विदेशों में भारतीय राजदूत, सीबीआई हो या फिर अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक, इन सेवाओं से गए लोग को ही अमूमन इन पदों पर नियुक्त किया जाता है। स्वाभाविक है कि जो परीक्षा ऐसे हाईप्रोफाइल पदों पर नियुक्ति का आधार हो, उसमें देश की कुशाग्र बुद्धि तो बैठेंगी ही। जब देश की कुशाग्र बुद्धि आप परीक्षा में बैठ रही हो तो फिर कठिनता का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। 

यही कारण है कि सिविल सेवा परीक्षा में सभी क्षेत्र के लोग बैठते हैं। इंजीनियर, चिकित्सा, प्रबंधन पृष्ठभूमि वाले छात्र भी इस परीक्षा के माध्यम से आईएएस बनने हेतु किस्मत आजमाते हैं और सफल भी होते हैं । पर यह बता दूं कि कठिन परीक्षा होने के बावजूद इस में सफल होना उतना भी कठिन नहीं है और केवल किस्मत के भरोसे भी इस में सफल नहीं हुआ जा सकता है । इसमें तो वही लोग सफल होते हैं जो इस परीक्षा की बारीकियों को समझते हैं और सही रणनीति बनाकर एक – दो प्रयासों में ही सफलता सफल हो जाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो पांच पांच सालो तक लगे रहते हैं पर अंतिम सफलता तो दूर प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाते ।

कई छात्र अपने पढ़ाई के कैरियर में हमेशा टॉपर होते हैं पर सिविल सेवा परीक्षा में उन्हें प्रारंभिक परीक्षा पास करने में मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं कई ऐसे छात्र हैं जिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि सामान्य होती है पर वह पहले दो प्रयासों में ही आईएएस बन जाते हैं । अत: सिविल सेवा परीक्षा, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि सिविल सेवकों की भर्ती करता है आपसे विशिष्ट होने की मांग नहीं करता, वह सिर्फ आपसे साधारण होकर भी असाधारण की उम्मीद करता है और यह सर्वज्ञात है कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सभी साधारण में कुछ असाधारण प्रतिभाएं होती हैं । इसी असाधारण को बाहर निकालने की जरूरत है इस असाधारण को बाहर निकालने व परीक्षा को पास करने की रणनीति मैं आपको अगली पोस्ट मैैं बताऊगाँ ……

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